| 1. | यह दो प्रकार का होता है (1) शुष्क कोथ (
|
| 2. | शुष्क कोथ जिस भाग में होता है, वहाँ रक्तप्रवाह शनै:
|
| 3. | शुष्क कोथ जिस भाग में होता है, वहाँ रक्तप्रवाह शनै:
|
| 4. | मधुमेहजनित अल्सर जिसमें केन्द्रीय शुष्क कोथ और अंगूठे की ओर आर्द्र कोथ है
|
| 5. | यह दो प्रकार का होता है (1) शुष्क कोथ (Dry Gangrene) तथा (2) आर्द्र (Moist Gangrene)।
|
| 6. | जब किसी एक भाग की धमनी द्वारा किसी अंग में रक्त पहुँचना बंद हो जाता है, तो शुष्क कोथ की उत्पत्ति होती है।
|
| 7. | शुष्क कोथ (Dry Gangrene)-जब किसी एक भाग की धमनी द्वारा किसी अंग में रक्त पहुँचना बंद हो जाता है, तो शुष्क कोथ की उत्पत्ति होती है।
|
| 8. | शुष्क कोथ (Dry Gangrene)-जब किसी एक भाग की धमनी द्वारा किसी अंग में रक्त पहुँचना बंद हो जाता है, तो शुष्क कोथ की उत्पत्ति होती है।
|